Thursday, December 27, 2018

PUBG मोबाइल गेम पर बैन का सच

दावा: गुजरात पुलिस ने चेतावनी जारी की है कि सरेआम मोबाइल गेम PUBG खेलते पाए जाने पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी. एक और वायरल पोस्ट का दावा है कि "महाराष्ट्र हाईकोर्ट" ने इस गेम को बैन कर दिया है.

तथ्य: बीबीसी की जाँच में पता चला कि ये दावे फ़र्ज़ी हैं.

विस्तार से पढ़िएः

PUBG (PlayerUnknown's Battlegrounds) दुनिया भर में मोबाइल पर खेला जानेवाला एक पॉपुलर गेम है. भारत में भी इसके काफ़ी दीवाने हैं.

PUBG मार्च 2017 में जारी हुआ था. ये गेम एक जापानी थ्रिलर फ़िल्म 'बैटल रोयाल' से प्रभावित होकर बनाया गया जिसमें सरकार छात्रों के एक ग्रुप को जबरन मौत से लड़ने भेज देती है.

PUBG में क़रीब 100 खिलाड़ी किसी टापू पर पैराशूट से छलांग लगाते हैं, हथियार खोजते हैं और एक-दूसरे को तब तक मारते रहते हैं जब तक कि उनमें से केवल एक ना बचा रह जाए.

ये दोनों फ़र्ज़ी वायरल पोस्ट मुख्यतः व्हाट्सऐप ग्रुप्स, फ़ेसबुक और ट्विटर पर भेजे जा रहे हैं.

पहले महाराष्ट्र हाईकोर्ट के इस कथित नोटिस की बात. सबसे पहले तो कोर्ट का नाम ही शक में डालता है क्योंकि महाराष्ट्र हाईकोर्ट नाम की कोई चीज़ है ही नहीं. महाराष्ट्र में हाईकोर्ट का नाम बॉम्बे हाईकोर्ट है.

नोट कहता हैः "आपको सूचित किया जाता है कि PUBG कोई ऑपरेशन नहीं करेगा और Tencent Games Corporation को क़ानूनी नोटिस भेजे गए हैं."

अंग्रेज़ी में लिखे इस पोस्ट में व्याकरण और स्पेलिंग की कई अशुद्धियाँ हैं. जैसे इसमें "magistrates" को "majestratives" लिखा गया है.

नोट एक "prejudge" के नाम से जारी किया गया है, जबकि भारत में इस नाम का कोई पद नहीं होता.

जिस अधिकारी के श्रीनिवासुलु के नाम से नोटिस जारी किया गया है उस नाम के किसी शख़्स के महाराष्ट्र की न्यायिक सेवा में काम करने का कोई सबूत नहीं है.

और अब गुजरात पुलिस के कथित नोटिस की चर्चा जो गुजराती भाषा में है. इसमें लिखा है, "अगर कोई सार्वजनिक जगहों पर PUBG खेलते पाया गया, तो उस व्यक्ति के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसका मोबाइल फ़ोन ज़ब्त कर लिया जाएगा."

इस पोस्टर के भी असल होने को लेकर संदेह है. इसमें ना तो तारीख़ लिखी है, ना इसे जारी करने वाले का नाम. इसमें भी कई अशुद्धियाँ हैं.

ऐसे फ़र्ज़ी पोस्ट ट्विटर पर भी शेयर किए जा रहे हैं. जब भागीरथसिंह वाला नाम के एक यूज़र ने इसकी सत्यता जानने के लिए गुजरात पुलिस को ट्वीट किया तो उन्हें तत्काल ये जवाब मिला: